अपनी बेबसी पर आज रोना आया,
दूसरों को क्या मैंने तो अपनों को भी आजमाया,
हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की मैंने,
लेकिन खुद को हर मोड़ पर हमेशा अकेला पाया।
आज फिर मुझे वो ख़याल आया,
दर्द मे मैने जिसे अपने ज़ेहन में पाया,
तड़प उठी पाने को फिर से तकदीर अपनी,
होश आया तो फिर खुदको तुमसे जुदा पाया।
चुभते हुए ख्वाबों से कह दो
अब आया न करे,
हम तन्हा तसल्ली से रहते है
बेकार उलझाया न करे।
आंखो से देखा तो बहुत लोग
मिले देखने को,
दिल से देखा तो भरी महफिल में
खुदको अकेला पाया।
न जाने क्यों खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गवाया है,
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमे यूँ ही ठुकराया है।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
मोहब्बत अब तन्हाइयों से हो गई है।
Top of the Day
Hope the moonlight fills your dreams with magic. Good Night!
गर्मी की रातें या सर्दी के दिन
या फिर सावन की बरसात हो,
ख्वाहिश बस इतनी है
कि हर पल चाय का साथ हो।
अकेले आने और अकेले जाने के बीच,
अकेले जीना सीखना ही जिंदगी है।
A single act of kindness throws out roots in all directions. Good Night!
The purpose of our lives is to be happy. Good Morning!
उसका पहला प्यार चाय था,
हम ये सुनते ही उनसे इश्क कर बैठे।