कहाँ से लाऊ वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो,
कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो,
ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों,
कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।
एक बेवफा से प्यार का अंजाम देख लो,
मैं खुद ही शर्मशार हूँ उससे गिला नहीं,
अब कह रहे हैं मेरे जनाज़े पे बैठ कर,
यूँ चुप हो जैसे हमसे कोई वास्ता नहीं।
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,
ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है,
तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी।
तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना,
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना,
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना,
मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।
जिनसे थे मेरे नैन मिले
बन गए थे जिंदगी के सिलसिले,
इतना प्यार करने के बाद भी
सनम मेरा बेवफा निकला।
कई अरबों की आबादी,
इश्क़ हो इक से जुनूनी,
और वो भी जब बेवफ़ा बन जाये,
ख़ुदा, शिकवा तो बनता है।
Top of the Day
गर्मी की रातें या सर्दी के दिन
या फिर सावन की बरसात हो,
ख्वाहिश बस इतनी है
कि हर पल चाय का साथ हो।
अकेले आने और अकेले जाने के बीच,
अकेले जीना सीखना ही जिंदगी है।
Hope the moonlight fills your dreams with magic. Good Night!
खुद से दूर हूं मगर तुम पास हो,
ऐ चाय तुम हमारे लिए खास हो।